शिशिर ऋतु में स्वास्थ्य-सुरक्षा
(Health Care in Shishir Ritu, Winter Season)
परिचय—शिशिर ऋतु भारतीय कालगणना के अनुसार वर्ष का छठा व अन्तिम ऋतु है। इसे पतझड़ मास या ऋतु भी कहा जाता है। क्योंकि इस ऋतु में वृक्ष पर्णविहीन हो जाते हैं। इस ऋतु को वर्ष या प्रकृति की वृद्धावस्था भी कहते हैं। इसके हिन्दी महीने माघ-फाल्गुन तथा अंग्रेजी महीने जनवरी-फरवरी हैं। इस ऋतु में वातावरण का ताप सबसे कम तथा ठण्ड सबसे अधिक होती है। चारों तरफ कोहरा छाया रहता है। कोहरे के कारण धरती-अम्बर एक सा प्रतीत होता है। इस ऋतु
(२२ दिसम्बर) से आदानकाल अर्थात् उत्तरायण का आरम्भ होता है। इस ऋतु में सूर्य बलवान् होता है। ओषधियां, वनस्पतियां, वृक्ष आदि पृथिवी की पौष्टिकता से पुष्ट होते हैं तथा वृद्धि करते हैं। पुष्ट आहार का सेवन कर जीव जन्तु भी पुष्ट व बलशाली होते हैं।