गुरुवार, 15 अगस्त 2019

वज्रासन का स्वास्थ्य पर प्रभाव-

                

              वज्रासन का स्वास्थ्य पर प्रभाव-

परिचय- वज्र का अर्थ होता है कठोर। इसलिए इस आसन का नाम है वज्रासन। इस आसन को करने से शरीर मजबूत बनता है।

विधि- इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को मोड़कर पैरों की एड़ियां नितम्ब के नीचे लगायें। पैरों को इस प्रकार रखें कि पैरों के दोनों अंगूठे आपस में मिलें हों तथा पंजे फैले हों। नितम्ब तलवों के ऊपर हो। घुटने सामने से मिले हों। हथेलियां घुटने के पास पैरों के ऊपर रखें। कमर, गर्दन को सीधा व दृष्टि सामने रखते हुए प्रतिदिन 5-10 मिनट का अभ्यास करने से उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है। इसमें श्वास की गति सहज व सामान्य (Normal) चलने दें।

यह अनेक आसनों में से एक अकेला आसन जिसे भोजन करने के बाद किया जाता है। समस्त आसन खाली पेट किते जाते हैं। इसे बच्चा, बुढ़ा, जवान सभी उम्र के लोग बड़े ही आराम से कर सकते हैं वे लाभ उठा सकते हैं।


इस आसन का अभ्यास योगी जन ध्यान करने के लिए भी करते हैं।


 लाभ- इस आसन को करने से शारीरिक, मानसिक आध्यात्मिक अनेक लाभ प्राप्त होते हैं उनमें से कुछ लाभ इस प्रकार हैं-

शनिवार, 3 अगस्त 2019

मित्रता दिवस(Friendship day)-

            मित्रता दिवस(Friendship day)-


💥।।ओ३म्।।💥
🌹 मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं....

आज दिवस के अवसर पर मैं अपने स्नेही मित्रों से दो शब्द साझा करना चाहूंगी। 

  

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी हैं। वह अकेला जीवन यापन नहीं कर सकता। जीवन यापन के लिए ईश्वर ने मनुष्य को कर्मानुसार जन्म से ही सम्बंधियो से युक्त सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया है। लेकिन एक सम्बंध बनाने की जिम्मेदारी मानव को सौंपी है। वो जिसे चाहे बना सकता है। पूरी स्वतंत्रता प्रदान किया है और वह है मित्रता का सम्बंध। हमारे जीवन में मित्र की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी सम्बंध के आधार पर मानव जीवन का विस्तार होता है तथा पहचान बनती है।



मानव समाज के विस्तार का आधार उसके व्यवहार यानि आचरण होता है। हम अपने सुविचारों व सुआचरण से अपने परिजन को लाभ पहुंचाते रहें यही कामना करती हूं।


हमें जीवन में ऐसे मित्रों को स्थान देना चाहिए जो केवल व केवल सत्य का दर्शन कराने वाला हो, कुसंस्कारों से निकालकर सुसंस्कारों को भरने वाला, पतन से निकालकर उत्थान का पथ प्रदर्शक हो। और यही व्यवहार हमारा भी अपने मित्रों के प्रति हो ऐसा हमें इस हर्ष दिवस पर ऐसा संकल्प लेना चाहिए जिससे हमारा जीवन सुखमय बन सके।
   
 शाश्वत सत्य है,  सभी रिश्ते हमारे कर्मानुसार ईश्वर ने बनाये हैं, जीवन का केवल व केवल एक रिश्ता बनाने की जिम्मेदारी हम पर सौंपी है और वो है मित्रता का। और जैसा हम चाहते हैं।


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