शनिवार, 14 नवंबर 2020

मर और अमर में भेद

🔥 दीपोत्सव की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं🔥



💥बलिदान दिवस-💥
दीपावली को आर्य जगत् बलिदान दिवस के रूप मेें मनाता  हैं क्योंकि आज ही के दिन आर्यों के पथ प्रदर्शक पुण्यआत्मा के जीवन का अन्त हुआ था। उस महान आत्मा को लोग महर्षि दयानन्द के नाम से जानते हैं। इस महान आत्मा ने समाज में फैले अनेक कुरीतियों को दूर किया। ऐसा कोई वर्ग नहीं जिस पर कार्य न किया हो। मानव जीवन के विकास के हर पहलु पर कार्य करके समाज का ध्यानाकृष्ट कराया। आज दुनियां में वो महान आत्मा "वेदों वाला ऋषि" देव दयानन्द के नाम से जाना जाता है।

मर और अमर में भेद-
मर और अमर में यही भेद है कि महान आत्मा अपने कर्मों से समाज को सुख के सुमार्ग दिखाकर जाते हैं जिससे समाज उनके कल्याणकारी मार्ग का गुणगान करता हुआ जीवन जीने का प्रयास करता और जन-मानस के बीच सदा बना रहता है। जो सदा सबके बीच है वहीं है इसे ही अमर होना कहा जाता है और सामान्य आत्मा सामान्य जीवन व्यतीत करके दुनियां से चला जाता है कोई नाम लेने वाला नहीं होता उसका नाम मिट जाता है अर्थात् मर जाता है। परोपकारी व्यक्ति, संत-महात्माओं का सदा समाज में गूंजता रहता है। महर्षि दयानन्द के जन हितकारी कुछ कार्यों की झलक इस प्रकार है-
जब सूरज चांद रहेगा,
ऋषि दयानन्द का रहेगा,
तू तो था ऋषि निराला,
बाल विवाह बन्द कराया,
माता कहकर नारी का सम्मान बढ़ाया,
नारी को पढ़ने का अधिकार दिलाया,
विधवा विवाह शुरु कराया,
दलितों को गले लगाया,
गौरक्षा का बिगुल बजाया,
स्वदेश का अलख जगाया।
ऐसे महान् आत्मा को शत शत नमन।
🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹


गुरुवार, 12 नवंबर 2020

🔥।।ओ३म्।।🔥
स्वास्थ्य ही धन है। 
स्वास्थ्य का अमृत कलश सदा आपके साथ हो।

मंगलवार, 3 नवंबर 2020

करवाचौथ

🔥।।ओ३म्।।🔥
🤝"संकल्प दिवस" व "मर्यादा दिवस" करवाचौथ की हार्दिक शुभकामनाएं👸👸👸👸👸



करवाचौथ का त्योहार आया,
खुशियां हजार लाया,
हर सुहागन ने चांद से,
थोड़ा सा रूप चुराया,
चांद कहता है,
जब रूप चुराया मेरा है तो,
थोड़ी शीतलता भी चुरा लेना,
कभी चांद की शीतलता,
कभी सूर्य की गर्भी बरसा देना,
सूर्य की गर्मी परिपक्वता प्रकृति में लाता है,
चांद की शीतलता रस भर,
उसको उपयोगी बनाता है,
तुम भी बनो उपयोगी,
कण-कण प्रकृति का यही संदेश सुनाता है।

जैसे करवे (घड़े) में रखा पानी शीतल,
शान्त तथा मर्यादित होते हुए,
दूसरों के लिए जीवनदायी होता है,
जैसे प्रतिदिन घटने वाले ऊंचे-नीचे, 
न्यून- अधिक परिवर्त्तनों के में भी,
चन्द्रमा स्वयं शान्त तथा शीतल रहता है,
पृथिवी को निरन्तर शान्ति एवं शीतलता देता रहता है, कभी उद्विग्न नहीं होता।
इसी प्रकार,
प्रत्येक पति- पत्नी का जीवन,
सांसारिक उथल- पुथल को सहते हुए,
सदैव स्वयं सुखी रहते हुए,
दूसरों को सुखी करने वाला हो,
पति-पत्नी में जहां प्यार है,
वहां होता न तकरार है।
सभी सुखों के दाता परमपिता परमेश्वर से यही प्रार्थना है।

क्षत्रिय वीर जवान को नमन है,
इनकी वीर क्षत्राणियों को नमन है,
इनके कारण हम अपने,
आनन्द के पल को साझा करते हैं,
इनके सहयोग को शत शत शत नमन है,
सभी वीर-वीरांगनाओं व बहनों को करवाचौथ की हार्दिक  शुभकामनाएं🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

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