शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

भगवान् श्रीराम का अस्तित्व

💥।।ओ३म्।।💥
रामायण के दो व्यक्ति को,
कोई भी अच्छा नहीं कहता,
जिसमें एक है स्त्री,
और एक है पुरुष,
आजतक उस नाम से,
अपने बच्चों का नाम भी,
कोई नहीं रखता है,
लेकिन इन दोनों की,
भूमिका से ही
भगवान् श्रीराम जी,
का उज्जवल अस्तित्व,
हमारे सामने है,
यदि ये दोनों पुण्य,
आत्माओं को हटाकर,
देखिए रामायण,
कहां नजर आता है।
विचारिये और अपना,
विचार दीजिए,
उस पात्र का नाम भी बताइये। ओ३म
🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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मंगलवार, 17 सितंबर 2019

वैद्य के गुण-दोष


वैद्य के गुण-दोष एवं अध्ययन-अध्यापन विधि ((litities, defects, and study teaching method of vaidya)-

सुश्रुत संहिता के तृतीय अध्याय ‘अध्ययनसम्प्रदानीय’ अध्याय में बहुत ही अच्छे ढंग से  विचार किया गया हैं। आइये जानने का प्रयास करते हैं कि इस पर ऋषि ने क्या विचार दिया है।

1. विषयों का वर्गीकरण (Classification of Subjects)— इस संहिता के अन्दर कितने विभाग अध्याय आदि हैं, उनका वर्णन करते हुये वैद्य के गुण-दोष एवं अध्ययन-अध्यापन विधि  का वर्णन है।



शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

मृत्युंजय मन्त्र और स्वास्थ्य


                           मृत्युंजय मन्त्र

ओ३म् त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

इस मन्त्र को मृत्युंजय मन्त्र अर्थात् मृत्यु को जीतने वाला बताया गया है। यह मन्त्र आर्य जगत् हो या पौराणिक जगत् सभी में उच्च स्थान पर है सभी इस मन्त्र का जप करना चाहते हैं, करते भी हैं। विशेषकर पौराणिक जगत् में पुरोहित को अपने यजमान को उस समय जप करने की सलाह देते हैं जब वह मृत्यु के नजदीक हो। आइये जानते हैं क्यों?



बुधवार, 11 सितंबर 2019

आशा का दीपक

🔥।।ओ३म्।।🔥
कोई कहता है,
आशा का दीपक,
अन्दर व बाहर का,
अंधेरा हर लेता है,
हमें अपना दीपक,
स्वयं बनकर,
अपनी राह को,
आलोकित करना है,
कोई किसी का,
दीपक नही बनता,
बहुत अच्छा,
बस कोई आके,
बुझे दीपक में,
चिनगारी लगा देता है,
जलना तो स्वयं ही पड़ता है,
बिना जले प्रकाश नहीं होता,
प्रकाशक बनना है तो,
जलना ही पड़ेगा,
पर जलने का अवसर,
सबको नहीं मिलता,
भूमि में बीच अनेकों,
डालते हैं किसान,
पर हर बीज,
अपने जैसा उत्पन्न नहीं करता,
जो करता है वो सबका,
पेट भरकर तृप्त कर देता है।
वैद्य. सुनीता अग्रवाल 8901360864
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