"पहला सुख निरोगी काया" स्वास्थ, संस्कार, चिकित्सा, सामाजिक, पारिवारिक, आध्यात्मिक लेखों को पढ़े तथा ज्ञान वर्धन कर जीवन को उन्नत बनायें, धन्यवाद।
बुधवार, 23 अक्तूबर 2019
रविवार, 13 अक्तूबर 2019
सोमवार, 7 अक्तूबर 2019
शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2019
हमारे जीवन में फूलों जैसी सुगंध और मुस्कान हो-
फूल हमेशा हंसते-मुस्कुराते रहते हैं। सर्दी, गर्मी या बरसात हो, आंधी या तूफान हो, या हो जायें डाली से अलग, हर परिस्थिति में अपनी मुस्कान व सुगंध से दुनियां को सुख पंहुचाते हैं। इन्हें धागे में पिरो देते हैं तो गले का हार बन सम्मान दिलाते हैं, सुखकर भी जीवन रक्षक औषधि बन जाते हैं, हर हाल में ये हंसते-मुस्कुराते हैं।
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