रविवार, 10 फ़रवरी 2019

हमारे जीवन में फूलों जैसी सुगंध और मुस्कान हो

हमारे जीवन में फूलों जैसी सुगंध और  मुस्कान हो

फूल हमेशा हंसते-मुस्कुराते रहते हैं। सर्दी, गर्मी या बरसात हो, आंधी या तूफान हो, या हो जायें डाली से अलग, हर परिस्थिति में अपनी मुस्कान सुगंध से दुनियां को सुख पंहुचाते हैं। इन्हें धागे में पिरो देते हैं तो गले का हार बन सम्मान दिलाते हैं, सुखकर भी जीवन रक्षक औषधि बन जाते हैं, हर हाल में ये हंसते-मुस्कुराते हैं।

शनिवार, 9 फ़रवरी 2019

चूहे की समस्या

चूहे की समस्या

एक ‘चूहा' एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था। एक दिन ‘चूहे' ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी एक थैले से कुछ निकाल रहे हैं। चूहे ने सोचा कि शायद कुछ खाने का सामान है। 

शुक्रवार, 8 फ़रवरी 2019

जीवन की डोर बड़ी कमजोर

 जीवन की डोर बड़ी कमजोर

जीवन की डोर कमजोर है या मजबूत दोनों ही स्थितयां हमारे लिए महत्वपूर्ण है। धागे और पतंग की भांति। जैसे धागा और पतंग एक-दूसरे के बिना उड़ान नहीं भर सकते उसी प्रकार हम जीवन में सुख-दु:ख के बिना सफलता प्राप्त नहीं कर सकते। यदि जीवन में इन दोनों का साथ न हों तो जीवन नीरस बन जाय। सुख अहंकार की जननी और दु:ख निराशा की, ईश्वर दण्ड तथा पुरस्कार तथा समय ही देता है, कभी खुशी कभी ग़म।

सोमवार, 4 फ़रवरी 2019

हमारे जीवन में सूर्य जैसा तेज हो-

हमारे जीवन में सूर्य जैसा तेज हो-



संसार के हर वस्तु में ज्ञान छिपा है। हमें अपने ज्ञान चक्षुओं से देखने विचारने की आवश्यकता है। जिस प्रकार दूध में घी छीपा रहता है, लकड़ी में अग्नि छीपी रहती है, फूलों में सुगंध, शहद में मिठास छीपी होती है। ईश्वर ने जगत कल्याण के इतनी सुन्दर सृष्टि की रचना की है उसमें भी सर्वश्रेष्ठ रचना मानव है। इस मानव को पंच ज्ञानेन्द्रियों से सुशोभित किया कि वो अपने ज्ञानेन्द्रियों का उपयोग करके अपने लिए उपयोगी, कल्याणकारी सामग्री को ग्रहण कर सकें तथा परोपकारी जीवन जी सके यानि अपने साथ-साथ अन्य प्राणियों का भला कर सके।

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