योग और स्वास्थ्य
योग का मतलब होता है किसी वस्तु या पदार्थ को एक-दूसरे में मिलाना अर्थात् जोड़ना। किसी भी वस्तु की वृद्धि हेतु योग, न्यूनता हेतु अयोग(अलग) करना। योग और वियोग सुख-दु:ख का कारण हमें अपने जीवन को सुखकर बनाने के लिए किन चीजों का योग तथा किन चीजों का अयोग करना है इसका ज्ञान होना चाहिए।
संसार के समस्त सुख-दु:ख का आधार है शरीर का होना। स्वास्थ्य के लिए जगत् प्रसिद्ध लोकोक्ति है-“पहला सुख निरोगी काया” किसी भी सुख को भोगने के लिए शरीर का निरोग रहना अतिआवश्यक है। हमारा शरीर रोग रहित व जीवन सुखमय कैसे रहें इसपर भारत के प्राचीन ऋषि वैज्ञानिकों (चरक, सुश्रुत, वाग्भट, पतंजलि आदि) ने बहुत ही विस्तार पूर्वक तथा सरल उपायों को बताया है जिसे अपनाकर स्वयं ही नहीं बल्कि परिवार व समाज को भी निरोग व उत्तम बनाने में सहयोगी बन सकते हैं।