शुक्रवार, 26 जून 2020

वर्षा ऋतु का स्वास्थ्य पर प्रभाव (Effect of rainy season on heath)

                      
                    ॥ओ३म्॥
           वर्षा ऋतु का स्वास्थ्य पर प्रभाव
        (Effect of rainy season on heath)

परिचय

वर्ष को दो भागों में विभक्त किया गया हैउतरायण और दक्षिणायन। उतरायण को आदानकाल और दक्षिणायन को विसर्गकाल कहा जाता है। आदानकाल काल में सूर्य अपनी गर्मी से जड़-जङ्गम सभी के बलों को क्षीण कर देता है, बलों का हरण कर लेता है जिससे सभी में व्याकुलता रहती है, आलस्य-प्रमाद बना रहता है। लेकिन विसर्गकाल में सूर्य की गर्मी (तेज) कम हो जाती है। इस समय चन्द्रमा बलवान् हो जाता है तथा आकाश बादलों से आच्छादित हो जाता है और वह मनमोहक हो जाता है। वर्षा एवं शीतल वायु के कारण पृथ्वी का तापमान कम हो जाता है। प्राणियों की व्याकुलता दूर हो जाती है। आलस्य-प्रमाद समाप्त हो जाता है, कार्य और भोजन में रुचि बढ़ जाती है।



शनिवार, 20 जून 2020

योग का जीवन में महत्त्व (Importance of yoga in our day-to-day life)


                                                                      
                                                                        
                                                                    ॥ओ३म्॥

                           योग का जीवन में महत्त्व

      (Importance of yoga in our day-to-day life)

 दुःख-  संसार में तीन प्रकार के दु:ख होते हैं-आध्यात्मिक, आधिभौतिक तथा आधिदैविक। इन दु:खों से छूटने का साधन है योग।

इन्हें पढ़ें- वज्रासन का स्वास्थ्य पर प्रभाव

योग का मतलब होता है किसी वस्तु या पदार्थ को एक-दूसरे में मिलाना अर्थात् जोड़ना। किसी भी वस्तु की वृद्धि हेतु योग, न्यूनता हेतु अयोग(अलग) करना।  योग और वियोग सुख-दु:ख का कारण  हमें अपने जीवन को सुखकर बनाने के लिए किन चीजों का योग तथा किन चीजों का अयोग करना है इसका ज्ञान होना चाहिए।



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