मंगलवार, 19 मई 2020

गुलाब शर्बत बनाने की विधि व लाभ

                                                 ॥ओ३म्॥

                   गुलाब शर्बत बनाने की विधि व लाभ



गुलाब- गुलाब शर्बत बनाने के लिए निम्न चीजों की आवश्यकता पड़ती है।



1. देशी गुलाब के सूखे या ताते फूल,
2. चीनी या मिश्री,
3. नीम्बू सत्व,
4. पानी,
5. पानी मिला दूध,
6. विकृति निरोधक पदार्थ (preventive Drugs),
7. पात्र (बर्तन)- शर्बत बनाकर रखने के लिए ताम्बा, पीतल का रांगा से कली किया हुआ या स्टील का लेना चाहिए।  या कांच की बोतल में भरकर रखें।
8. मोटा कपड़ा व छननी,

बनाने की विधि- 

गुलाब का ताजा फूल 1/2 किलो, पानी 4 किलो दोनों को मिलाकर 6-8 घण्टे तक भीगने के लिए छोड़ दें। फिर छानकर दोनों को अलग कर लें। अब पानी को बर्तन में डालकर चौथाई अर्थात् 1 किलो बचने इतना उबालें फिर 2 किलो चीनी या मिश्री मिलाकर लगभग डेढ़ तार की चाशनी बनालें। आवश्यकता होने पर चाशनी बनाते समय मैल को काटने के लिए दूध मिले पानी का छींटा दे सकते हैं। बनने के बाद 2 ग्राम नींबू सत्व मिला दें। इससे शर्बत स्वादिष्ट और स्वच्छ बनेगा। हो गया आपका गुलाब शर्बत तैयार। पीयें-पिलायें, आनन्द पायें, स्वास्थ्य बनायें।

विकृति निरोधक पदार्थ (preservative) - 

इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। अच्छी तरह से बना हुआ है तो महीनों तक सुरक्षित रह सकता है।

प्रयोग विधि-

एक गिलास दूध या पानी में मिलाकर आवश्यकता अनुसार पायें। पानी से अधिक दूध का शर्बत अधिक स्वादिष्ट लगता है। दूध-पानी मिलाकर भी बना सकते हैं।

रोगों में लाभकारी-

इसका प्रयोग प्यास की अधिकता, अम्लता(एसीडिटी Acidity), थकावट, ग्लानि, अवसाद(Depression), भ्रम, चित्त की अस्थिरता (मन की अशांति) , पेशाब में जलन, मूत्रकृच्छता (मूत्र कठिनता के साथ निकलना, दर्द के साथ निकलना), आंखों की जलन तथा सुर्खी ( आंखें लाल होना) आदि विकारों को दूर करता है। लू व गर्मी से बचने के लिए किया जाता है।

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