श्वेतप्रदर (Leucoreehoea) का परिचय (लक्षण) –
चरक-सूश्रुत संहिता में वर्णित कफज योनि के लक्षणों के समान हैं।
कफज योनि को श्लेषमज योनि भी कहा जाता है।(च.चि. 30. 12-13, सूश्रुत. चि.
38.17)
श्वेतप्रदर(Leucoreehoea)- का मतलब योनि मार्ग से श्वेत चिपचिपा पदार्थं का स्राव होना। यह महिलाओं में होने वाला कष्टसाध्य रोग है। स्वाभाविक और अस्वाभाविक दो प्रकार की होती है।
स्वाभाविक यानि प्राकृतिक अवस्था-
1. मासिकस्राव
आरम्भ होने के पूर्व,
2. बीजोद्नकाल(Ovulation
period),
3. मैथुनीय उत्तेजना में(During Sexual Exitement),
4. मासिकस्राव
के बाद।
इन चार
अवस्थाओं में योनिस्राव का रंग दूध जैसा सफेद होता है। और यह प्राकृत अवस्था है।
यह रोग नहीं हैं।
अस्वाभाविक
यानि विकृत अवस्था- इस अवस्था में योनि (Vagina) मार्ग से
निरंतर स्राव होता रहता है। स्राव का रंग पीला, मटमैला तथा
दुर्गंध युक्त गाढ़ा, पतला होता है। कारण- मैथुन
(सहवास) की अधिकता, अस्वच्छता,
कम उम्र में विवाह होना या मैथुन प्रवृत होना, पौष्टिकता की कमी, उत्तेजक व कामुक
विचारों से युक्त होना, बार-बार गर्भपात का होना आदि अनेक कारण हैं।
शरीर पर प्रभाव- महिलाओं में होने वाला एक ऐसा रोग जो अन्दर से खोखला बना देता है। इस रोग के कारण शारीरिक व मानसिक विकृति तथा रोगों की भी उत्पत्ति हो जाती है। इस रोग से ग्रस्त महिलाओं के दाम्पत्य (वैवाहिक) जीवन पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। कारण शारीरिक सम्बंध बनाने में परेशानी (कष्ट) होना। सम्बंध स्थापित करने में अरुचि (इच्छा का न होना), शरीर दुर्बलता की ओर जाना यानि नित्य प्रति शरीर का कमजोर होना। चिड़चिड़ापन होना। कमर तथा शरीर के अन्य अंगों वा पूरे शरीर में दर्द होना, रोग पुराना होने पर शरीर से वदबू भी लाने लगती है। वस्त्र पहनना मुश्किल हो जाता है। इसके कारण शारीरिक शक्ति व सौन्दर्य नष्ट होने लगता है। शरीर कमजोर, चेहरा तेजहीन होना। स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। कामशक्ति की कमी व रति क्रिया में अरुचि पैदा हो जाती है जिससे वैवाहिक जीवन सुखमय न होकर दु:खमय हो जाता है|
चिकित्सा- आज की आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में एक ही समाधान है अंग छेदन (गर्भाशय को काटकर निकाल देना)। रुग्णा रोग से होने वाली परेशानी से मुक्त होने के लिए अपने अनमोल अंग जनन अंग को कटवाने के लिए तैयार हो जाती हैं। ऐसी माताओं-बहनों से निवेदन कि जो इस रोग से मुक्ति पाना चाहती है। अपने जीवन को सुखमय बनाना चाहती हैं। अपने अंग भंग (ऑपरेशन) नहीं कराना चाहतीं तो एक बार 8901360864 पर, सम्पर्क अवश्य करें।
ऐसी माता-बहनों ने लाभ उठाया जो 15- 20 वर्षों से ल्यूकोरिया के कारण अन्य रोंगों से भी ग्रस्त थी।
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ल्यूकोरिया महिलाओं का कष्टकारी रोग है।
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