जीवन का संदेश
✍️ बरसात की पहले ही आगमन से,
सूरज की गर्मी शांत हो गई,
बरखा और सूरज मिलकर,
जीवन का संदेश दे गये
किसी की सत्ता सदा रहती नहीं,
बर्ष की ऋतुएं बता रहीं,
वैसे ही जीवन में,
सुख-दुख आता-जाता है,
जीवन को नया बनाता है,
शुभकर्म की ओर प्रेरित करता है,
किसी को अपने हुनर या
दौलत की गर्मी न दिखाओ,
एक से एक सुरमें चले गये,
मानव तेरी अवकात क्या है,
नन्हीं चीटी, मच्छर या हो कोई जीव,
सब पल में हॉस्पिटल या परलोक,
की राह दिखा देते हैं।
फिर भी सूखे वृक्ष की तरह,
अकड़ दिखाता है,
अकड़ वाले टूट जाते,
सदा अकेले होते हैं,
जो वृक्ष नरम होते हैं,
वहीं फैलते और छाया देते हैं,
अपनी छाया को न मिटायें,
वृक्ष लगायें,
जल और जीवन बचाए,
ईश्वरीय सत्ता से न खेलें।
।।ओ३म्।।
~~~वैद्य. सुनीता अग्रवाल 8901360864~~~
"करो प्रयोग रहो निरोग"
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया।
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