बुधवार, 8 अप्रैल 2020

"कार्य की सफलता" (Success of work)

                                                                   🔥।।ओ३म्।।🔥

            "कार्य की सफलता" (Success of work)

कार्यकुशलता व सुव्यवस्था पर निर्भर है। इन दोनों का आधार धैर्य है जो सफलता की प्रथम सीढ़ी है। ऐसे ही त्रेतायुग के सुप्रसिद्ध देश व धर्म रक्षक ओज-तेज से पूर्ण शारीरिक, मानसिक व चारित्रिक बल के धनी, कार्य कुशल धीर, वीर, गम्भीर, वेद-वेदांगों के ज्ञाता प्रभु श्रीराम के कार्य को सफल बनाने वाले भक्त बाल ब्रह्मचारी महाबीर हनुमान जी जयन्ती पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।



हमारे पूर्वजों ने अपने जीवन में संघर्षों को स्वीकार करते हुए परोपकार व मानवता के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मानवता का पाठ पढ़ाया कि मानव धर्म क्या है। जिसके कारण आज मानव समाज के मानस पटल पर अमर हैं। हमारे लिए पूज्य हैं हम उनकी पूजा कर रहे हैं।लेकिन आज हमनें अपने पूर्वजों के उज्जवल चरित्र को चरित्रहीनता का चादर ओढ़ाकर, चरित्रहीनता का प्रमाण पत्र देकर कलंकित कर अपने जीवन को नारकीय बना डाला है।  हम उन्हें कलंकित करके उन्हीं से अपने जीवन की मंगल कामना की भिक्षा मांगते हैं। क्या यह मंगल का तरीका है थोड़ा सा विचार करके देखें तो कुछ पता चले।हम उनके चरित्र व संघर्ष से नहीं बल्कि चित्र से और वो  चित्र को गन्दा करके निकम्मेपन से जीवन को सुखमय बनाने की कामना करते हैं।जन्म दिवस मनाने का अर्थ होता है पूर्व में किये गये अपने अच्छे-बुरे कार्यों का अवलोकन करना। आगे के कार्यों के लिए संकल्पित होना। आयें आज हम सब महाबली हनुमान जी की जयंती पर उनके किसी एक गुणों को जीने का संकल्प लें।~~~~~वैद्य. सुनीता अग्रवाल~~~~~वीर पुरुष को कोटि-कोटि नमन

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